"वेलनटाईन डे का सच" भारतीय संस्कृति पर अतिक्रमण
आदरणीय राष्ट्रप्रेमी भाइयों और बहनों
हमारे देश में पिछले कुछ वर्षों से इस 14 फ़रवरी का विशेष महत्व हो गया है, कोई अपने महापुरुष के लिए या अपने किसी पर्व के लिए होता तो ख़ुशी होती लेकिन ये दिन एक ऐसे व्यक्ति के लिए समर्पित हो गया है जो हमारे यहाँ का नहीं था | जब हमारे देश में वैश्वीकरण शुरू हुआ तभी इसका पदार्पण हुआ हमारे देश में, बात को ज्यादा लम्बा न करते हुए सीधे मैं विषय पर आता हूँ और हमेशा की तरह ये लेख भी परम सम्मानीय राजीव दीक्षित भाई के विभिन्न व्याख्यानों में से जोड़ के मैंने बनाया है, उम्मीद है कि आप लोगों के ये पसंद आएगी |
उस वैलेंटाइन नाम के महापुरुष का कहना था कि "हमलोग (यूरोप के लोग) जो शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं कुत्तों की तरह से, जानवरों की तरह से, ये अच्छा नहीं है, इससे सेक्स-जनित रोग (veneral disease) होते हैं, इनको सुधारो, एक पति-एक पत्नी के साथ रहो, विवाह कर के रहो, शारीरिक संबंधो को उसके बाद ही शुरू करो" ऐसी-ऐसी बातें वो करते थे और वो वैलेंटाइन महाशय उन सभी लोगों को ये सब सिखाते थे, बताते थे, जो उनके पास आते थे, रोज उनका भाषण यही चलता था रोम में घूम-घूम कर | संयोग से वो चर्च के पादरी हो गए तो चर्च में आने वाले हर व्यक्ति को यही बताते थे, तो लोग उनसे पूछते थे कि ये वायरस आपमें कहाँ से घुस गया, ये तो हमारे यूरोप में कहीं नहीं है, तो वो कहते थे कि "आजकल मैं भारतीय सभ्यता और दर्शन का अध्ययन कर रहा हूँ, और मुझे लगता है कि वो परफेक्ट है, और इसलिए मैं चाहता हूँ कि आप लोग इसे मानो", तो कुछ लोग उनकी बात को मानते थे, तो जो लोग उनकी बात को मानते थे, उनकी शादियाँ वो चर्च में कराते थे और एक-दो नहीं उन्होंने सैकड़ों शादियाँ करवाई थी | जिस समय वैलेंटाइन हुए, उस समय रोम का राजा था क्लौड़ीयस, आप उसे चक्रवर्ती सम्राट की श्रेणी में रख सकते हैं | क्लौड़ीयस ने कहा कि "ये जो आदमी है-वैलेंटाइन, ये हमारे यूरोप की परंपरा को बिगाड़ रहा है, हम बिना शादी के रहने वाले लोग हैं, मौज-मजे में डूबे रहने वाले लोग हैं, और ये शादियाँ करवाता फिर रहा है, ये तो अपसंस्कृति फैला रहा है, हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहा है", तो क्लौड़ीयस ने आदेश दिया कि "जाओ वैलेंटाइन को पकड़ के लाओ ", तो उसके सैनिक वैलेंटाइन को पकड़ के ले आये | क्लौड़ीयस ने वैलेंटाइन से कहा कि "ये तुम क्या गलत काम कर रहे हो ? तुम अधर्म फैला रहे हो, अपसंस्कृति ला रहे हो" तो वैलेंटाइन ने कहा कि "मुझे लगता है कि ये ठीक है" , क्लौड़ीयस ने उसकी एक बात न सुनी और उसने वैलेंटाइन को फाँसी की सजा दे दी, आरोप क्या था कि वो बच्चों की शादियाँ कराते थे, मतलब शादी करना जुर्म था | क्लौड़ीयस ने उन सभी बच्चों को बुलाया, जिनकी शादी वैलेंटाइन ने करवाई थी और उन सभी के सामने वैलेंटाइन को 14 फ़रवरी 498 ईस्वी को फाँसी दे दिया गया | पता नहीं आपमें से कितने लोगों को मालूम है कि पुरे यूरोप में 1950 ईस्वी तक खुले मैदान में, सार्वजानिक तौर पर फाँसी देने की परंपरा थी | तो जिन बच्चों ने वैलेंटाइन के कहने पर शादी की थी वो बहुत दुखी हुए और उन सब ने उस वैलेंटाइन की दुखद याद में 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया तो उस दिन से यूरोप में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | मतलब ये हुआ कि वैलेंटाइन, जो कि यूरोप में शादियाँ करवाते फिरते थे, चूकी राजा ने उनको फाँसी की सजा दे दी, तो उनकी याद में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | ये था वैलेंटाइन डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार |
अब यही वैलेंटाइन डे भारत आ गया है जहाँ शादी होना एकदम सामान्य बात है यहाँ तो कोई बिना शादी के घूमता हो तो अद्भुत या अचरज लगे लेकिन यूरोप में शादी होना ही सबसे असामान्य बात है | अब ये वैलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों में आ गया है और बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के लड़के-लड़कियां बिना सोचे-समझे एक दुसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड दे रहे हैं | और जो कार्ड होता है उसमे लिखा होता है " Would You Be My Valentine" जिसका मतलब होता है "क्या आप मुझसे शादी करेंगे" | मतलब तो किसी को मालूम होता नहीं है, वो समझते हैं कि जिससे हम प्यार करते हैं उन्हें ये कार्ड देना चाहिए तो वो इसी कार्ड को अपने मम्मी-पापा को भी दे देते हैं, दादा-दादी को भी दे देते हैं और एक दो नहीं दस-बीस लोगों को ये ही कार्ड वो दे देते हैं | और इस धंधे में बड़ी-बड़ी कंपनियाँ लग गयी हैं जिनको ग्रीटिंग कार्ड बेचना है, जिनको गिफ्ट बेचना है, जिनको मिठाइयाँ बेचनी हैं और टेलीविजन चैनल वालों ने इसका धुआधार प्रचार कर दिया | ये सब लिखने के पीछे का उद्देश्य यही है कि नक़ल आप करें तो उसमे अकल भी लगा लिया करें | उनके यहाँ साधारणतया शादियाँ नहीं होती है और जो शादी करते हैं वो वैलेंटाइन डे मनाते हैं लेकिन हम भारत में ?
BY:- दीपक
जिला समन्वयक, युवा भारत स्वाभिमान (चरखी दादरी)
बाजार हावी हो गया है...
जवाब देंहटाएंवेलेंटाइन डे मनाने से समाज को"लाभ"-
जवाब देंहटाएं1. यहाँ कोई भी लड़का किसी भी लड़की के साथ रंगरेलियाँ मनाएगा, चाहे दोनों भविष्य मे पति-पत्नी बने न बने।
2. लाखों युवतियाँ कुँवारी माँएँ बनने को तैयार होंगी।
3. अनेकों भ्रूण हत्याएं होगी क्योंकि मज़ा लिया है तो भुगतेंगे तो अजन्मे बच्चे।
4. युवक युवतियों मे अविश्वास का वातावरण बनेगा और उनके भविष्य के दाम्पत्य जीवन की नींव कमजोर होगी।
5. नई पीढ़ी कहाँ से चरित्रवान होगी जब उनके माँ-बाप चालू और लंपट होंगे।
6. अपना समाज जिसने युगों से सभ्यता और सामाजिकता को संजोकर रखा है, उसकी संस्कारों वाली नींवखतरे मे पड़ेगी।
इसलिए India Against Valentines Day.