पहली बार निर्मल बाबा का संपूर्ण जीवन परिचय। निर्मल बाबा का एक-एक सच का खुलासा। निर्मललीला-1
सबसे पहले निर्मल बाबा को कोटि कोटि प्रणाम। लाखों भक्त होने और उनकी समस्याओं को चुटकियों में समस्या सुलझाने का दावा करने वाले निर्मल बाबा को लेकर लोगों में कौतूहल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सोशल नेटवार्किगं साइट्स पर बाबा को लेकर खूब टिप्पणियां चल रही हैं। इनमें से कई उन पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो कुछ उनका वंदन भी कर रहे हैं। निर्मल बाबा को लेकर लोगों में उत्सुकता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि उनके जीवन के बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है। निर्मल बाबा के जीवन के बारे में पूर्ण जानकारी इन्टरनेट एवं मीडिया दोनो के पास कुछ खास नही है, लेकिन निर्मल बाबा की लोकप्रयिता दिन दुनी रात चैगुनी बढ़ रही है। उनकी लोकप्रियता के पीछे कोई ‘दिव्य शक्ति’ है, जो कथित तौर पर उनमें पायी जाती है। आज की तारीख में सिर्फ योगगुरू बाबा रामदेव ही लोकप्रियता में उनसे मुकाबला कर सकते हैं।आज टीवी और इंटरनेट के जरिए निर्मल बाबा पूरे भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी रोज करोड़ों लोगों तक पहुंचते हैं। निर्मल बाबा के समागम का प्रसारण देश-विदेश के तकरीबन 39 टीवी चैनलों पर सुबह से लेकर शाम तक रोजाना करीब 25 घंटे का प्रसारण अलग-अलग समय पर किया जा रहा है। भारत में विभिन्न समाचार, मनोरंजन और आध्यात्मिक चैनलों के अलावा विदेशों में टीवी एशिया, एएक्सएन जैसे चैनलों पर मध्य पूर्व, यूरोप से लेकर अमेरिका तक उनके समागम का प्रसारण हो रहा है।
इस
लडकी को आपने कही देखा है ?? ये कई टीवी सीरियल मे काम कर चुकी जूनियर
आर्टिस्ट निधि है अब आप सोच रहे होगे की यहां इसका फोटो क्यो पोस्ट किया
गया है ……उत्तर जानने के लिये आने पढे ……।.
अपने आरंभिक दिनों में ठगी का धंधा चमकाने के लिए ठग निर्मल नोएडा के फिल्मसिटी में स्थित एक स्टूडियो में शूटिंग करते वक़्त बाबा के सामने जो लोग अपनी समस्या के हल होने का दावा करते थे, वे असली लोग न होकर “जुनियर आर्टिस्ट” हुआ करते थे ?
सुबूत ये रहा ये कई टीवी सीरियल मे काम कर चुकी जूनियर आर्टिस्ट निधि है जिसे 10 हज़ार रूपये बाबा देता था. ये बाबा की पोल खोलते हुए आगे कहती है कि शुरू के दो महीने तक निर्मल बाबा ने अपने ही आदमियों और जूनियर आर्टिस्टो से ही प्रश्न पुछ्वता था......
अपने आरंभिक दिनों में ठगी का धंधा चमकाने के लिए ठग निर्मल नोएडा के फिल्मसिटी में स्थित एक स्टूडियो में शूटिंग करते वक़्त बाबा के सामने जो लोग अपनी समस्या के हल होने का दावा करते थे, वे असली लोग न होकर “जुनियर आर्टिस्ट” हुआ करते थे ?
सुबूत ये रहा ये कई टीवी सीरियल मे काम कर चुकी जूनियर आर्टिस्ट निधि है जिसे 10 हज़ार रूपये बाबा देता था. ये बाबा की पोल खोलते हुए आगे कहती है कि शुरू के दो महीने तक निर्मल बाबा ने अपने ही आदमियों और जूनियर आर्टिस्टो से ही प्रश्न पुछ्वता था......
- निर्मल बाबा की परत दर परत सच्चाई सामने आनी शुरू हो गयी है. निर्मल बाबा भले ही धर्म की धंधेबाजी के कारण अब चर्चा में आ रहा है लेकिन उसके एक रिश्तेदार इंदर सिंह नामधारी झारखण्ड के ईमानदार और रसूखवाले नेताओं में गिने जाते हैं. निर्मल सिंह इन्हीं इंदर सिंह नामधारी का सगा साला है. यानी नामधारी की पत्नी मलविन्दर कौर का सगा भाई.
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा पहुंचे नामधारी झारखण्ड के दो बार
विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनके सामने निर्मल का नाम लेने पर कई
राज खुलते हैं. मीडियादरबार
के संचालक धीरज भारद्वाज निर्मल बाबा की खोजबीन के दौरान नामधारी से
संपर्क करने में कामयाब हो गये और नामधारी ने भी बिना लाग लपेट के स्वीकार
कर लिया कि वह उनका सगा साला है, लेकिन उसका जो कुछ भी काला है उससे उनका
कोई लेना देना नहीं है. इंदर सिंह नामधारी कहते हैं कि वे खुद कई बार
निर्मल को सलाह दे चुके हैं कि वह लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करे,
लेकिन वह सुनता नहीं है.
नामधारी स्वीकार करते हैं कि शुरुआती दिनों में वे खुद निर्मल नरुला को अपना कैरीयर संवारने में खासी मदद कर चुके हैं। धीरज भारद्वाज से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनके ससुर यानी निर्मल के पिता एसएस नरूला का काफी पहले देहांत हो चुका है और वे बेसहारा हुए निर्मल नरूला की मदद करने के लिए उसे अपने पास ले आए थे। लाइमस्टोन की ठेकेदारी से लेकर कपड़े के कारोबार तक निर्मल को कई छोटे-बड़े धंधों में सफलता नहीं मिली तो वह बाबा बन गया।
जब धीरज भारद्वाज ने नामधारी से निर्मल बाबा के विचारों और चमत्कारों के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि वे इससे जरा भी इत्तेफाक़ नहीं रखते। उन्होंने कहा कि वे विज्ञान के छात्र रहे हैं तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर चुके हैं इसलिए ऐसे किसी भी चमत्कार पर भरोसा नहीं करते। इसके अलावा उनका धर्म भी इस तरह की बातें मानने का पक्षधर नहीं है।
नामधारी स्वीकार करते हैं कि शुरुआती दिनों में वे खुद निर्मल नरुला को अपना कैरीयर संवारने में खासी मदद कर चुके हैं। धीरज भारद्वाज से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनके ससुर यानी निर्मल के पिता एसएस नरूला का काफी पहले देहांत हो चुका है और वे बेसहारा हुए निर्मल नरूला की मदद करने के लिए उसे अपने पास ले आए थे। लाइमस्टोन की ठेकेदारी से लेकर कपड़े के कारोबार तक निर्मल को कई छोटे-बड़े धंधों में सफलता नहीं मिली तो वह बाबा बन गया।
जब धीरज भारद्वाज ने नामधारी से निर्मल बाबा के विचारों और चमत्कारों के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि वे इससे जरा भी इत्तेफाक़ नहीं रखते। उन्होंने कहा कि वे विज्ञान के छात्र रहे हैं तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर चुके हैं इसलिए ऐसे किसी भी चमत्कार पर भरोसा नहीं करते। इसके अलावा उनका धर्म भी इस तरह की बातें मानने का पक्षधर नहीं है।
ये है निर्मल बाबा का सच :- “निर्मल सिंह नरूला” उर्फ “निर्मल बाबा” टीवी पर लगभग सभी चेनलों पर आने
वाला एक ठग है…..जो पैसे के बदले कृपा बाँटने का ढोंग करता है…..!!
अब कुछ जानकारी बाबा के बारे में…..जो शायद आपको मालूम न हो…..!!
अब कुछ जानकारी बाबा के बारे में…..जो शायद आपको मालूम न हो…..!!
सिख धर्म के धर्मग्रथों में तो साफ कहा गया है कि करामात कहर का नाम है।
इसका मतलब हुआ कि जो भी करामात कर अपनी शक्तियां दिखाने की कोशिश करता है
वो धर्म के खिलाफ़ काम कर रहा है। निर्मल को मैंने कई दफ़ा ये बात समझाने
की कोशिश भी की, लेकिन उसका लक्ष्य कुछ और ही है। मैं क्या कर सकता हूं?”
नामधारी ने सवाल किया। उन्होंने माना कि निर्मल अपने तथाकथित चमत्कारों से
जनता से पैसे वसूलने के ‘गलत खेल’ में लगे हुए हैं जो विज्ञान और धर्म किसी
भी कसौटी पर जायज़ नही ठहराया जा सकता।
ठेकेदार निर्मल नरूला से निर्मल बाबा तक: निर्मल नरूला
उर्फ निर्मल बाबा विवाह के बाद करीब 1974-75 के दौरान झारखंड गया था और
वहां उसने लाईम स्टोन का व्यवसाय शुरू किया, मगर उसमें सफल नहीं हुआ. इसके
बाद झारखण्ड के ही गढ़वा में कपड़े का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन वहां भी
सफल नहीं हो सका. एक वक्त ऐसा भी था कि ये निर्मल बाबा काफी परेशानियों से
जूझ रहा था. तब बिहार में मंत्री रहे इंदर सिंह नामधारी ने माइनिंग का एक
बड़ा काम इसे दिलवाया था. तब यह ठेकेदारी का काम करता था. उसी कार्य के
दौरान इस उसके रिश्तेदारों ने प्रचार करना शुरू कर दिया कि बाबा को ज्ञान
की प्राप्ति हो गई है.
जाहिर है इस ढोंगी ने अपने राजनैतिक रिश्तों के चलते ही सभी विद्रोहियों को बढ़ने का मौका नहीं दिया.
टीवी पर अपना ढोंग दिखा-दिखा कर लोगों को अपने भगवान होने का अहसास करवाने
वाले बाबा का खुद का अरबो रुपयो का काला धन है जिसका भांडा जल्द फूटने
वाला है.
मीडिया पर सवाल :- मीडिया सहित तमाम संचार माध्यमों का मूल काम समाज में फैली कुरीतियों और बुराइयों को उजागर करना होता है. जिस से भोली-भाली आम जनता इन सब के चक्कर में ना फसें. जनता की मेहनत की कमाई को लूटे जाने से बचाया जा सके. झूठे वादे और भ्रम फैलाने वाले विज्ञापन के कार्यक्रमों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए केंद्र की सरकार के द्वारा कई नियम और विनियम बनाए गए है. परन्तु इनकी उपयोगिता के अति महत्वपूर्ण होने के बावजूद प्रभाविता का असर प्रयोग ना किये जाने के कारण नहीं देखा जाता है. तमामों भ्रामक विज्ञापन दृश्य और श्रव्य संचार माध्यमों के साधनों में प्रसारित हो रहे हैं. उनमें से एक है ये किन्ही निर्मल बाबा का दरबार. जो मीडिया बाबा रामदेव एवं बालकृष्णा के पीछे की CBI से तेज काम कर रही थी. बालकृष्णा जन्म तिथि जांच के लिए मीडिया नेपाल से उनका जीवन का पूरा परिचय कराया था. आज वही मीडिया निर्मल बाबा कार्यक्रम प्रतिदिन बिना ब्रेक के प्रसारित करता है. यही मीडिया बाबा रामदेव को ठग और भ्रष्ट्राचारी कहती है. लेकिन निर्मल बाबा के विषय ऐसी खबर क्यो नही दिखलाती. जबकि सारा देश निर्मल का सच जान चुका है.
सोचिये जरा : ये निर्मल बाबा हर रोज चार
करोड रूपये कम रहा है लेकिन आज तक आयकर विभाग या दूसरे सरकारी महकमों की
हिम्मत क्यों नही हो रही है इस पर हाथ डालने की ?
निर्मल बाबा से जुडे अन्य खबर
सीबीआई का मालिक कौन?
जवाब देंहटाएंपोल खोल ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजो टीवी चैनल निर्मल बाबा की तीसरी आंख दिखा रहे हैं उनको हम सिर्फ़ देखना ही बन्द न करें बल्कि औरों को न देखने के लिए भी प्रेरित करें। उन चैनलों के फ़ोन और ई-मेल पते पर सन्देश भेजकर भी विरोध दर्ज कराने से ही बात बनेगी। इसके अलावा अखबारों में पाठकों के पत्र कॉलम में पोस्ट कार्ड या ई-मेल द्वारा भी अपनी बात लोगों तक पहंचाएं। उल्लेखनीय है कि निर्मल बाबा की धन कृपा टीवी चैनलों पर ही बरस रही है जो लोगों को जागरूक बनाने की बजाय अन्धविश्वासी या कहें बेवकूफ़ बना रहे हैं। सो व्यापक जनहित में आप इसका विरोध करें- यों ज्यादातर लोग यही कहते मिलेंगे कि दिखाने दो मेरे बाप का क्या जाता है…यदि आप सक्रिय होकर कुछ करेंगे तो कुछ तो होगा!
जवाब देंहटाएंSahi kahte hi app
हटाएंkutta nirmala saalaaaaa
जवाब देंहटाएंnimal baba mare guru hai jai nirmal baba ke .................................................................................................
जवाब देंहटाएंPK kumawat
NOT DEPOSITING SERVICE TAX ANF GOVT IS SLEEPING
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