‘‘हिन्दुस्तान स्वाभिमान पार्टी’’ राजनैतिक पार्टी का गठन
प्रिय मित्रों
आज देश हलात को देखकर बहुत दुःख होता है। आज देश में राजनैतिक स्थिति बहुत ही खरब हो चुका। चुनाव के समय किसी भी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र का कवर अगर हटा दिया जाए तो सभी के एक जैसे ही बातें होती है। अन्तर सिर्फ इतना होता है कि जो किसी पार्टी के घोषणा पत्र के पृष्ठ सं.2 पर है तो किसी पृष्ठ 10 पर वही बात लिखी होती है। जो पार्टी अपना घोषणा पत्र अलग नही बना सकती वे देश का भविष्य को क्या बनायेगी?
इसलिए कुछ ईमानदर लोगों के साथ मिल कर एक ‘‘हिन्दुस्तान स्वाभिमान पार्टी’’ राजनैतिक पार्टी बनाने का विचार चल रहा है। पार्टी का गठन 15 अगस्त 2011 को होगा।
हमारा मूल उद्देश कुछ इस प्रकार है।
संगठन के तीन सबसे बड़े लक्ष्य हैंµ
1. वर्तमान में चल रही समस्त गलत नीतियों व भ्रष्ट व्यवस्थाओं का राष्ट्रहित में पूर्ण परिवर्तन कराना।
2. भ्रष्टाचार की पूर्ण समाप्ति व भ्रष्टाचार करके लूटे हुए देश के लगभग 100 लाख करोड़ रुपये को देश
में वापस लाना व उसको राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित करके उसको राष्ट्र के नवनिर्माण एवं विकास में लगवाना।
3. बेरोजगारी, गरीबी, भूख, अभाव व अशिक्षा से मुक्त स्वस्थ, समृ( संस्कारवान् व शक्तिशाली भारत का
निर्माण करना और भारत को विश्व की महाशक्ति या विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना।
आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि हमें देश का नैतिक, चारित्रिक, सामाजिक व आध्यात्मिक उत्थान करना है। जातिप्रथा, दहेजप्रथा, बलिप्रथा व अन्य रूढि़वादी अज्ञानमूलक भ्रान्त अन्धविश्वासों जादू-टोना, भूत-प्रेत व अन्य पाखण्डों से देश को बाहर निकालना है। शराब, तम्बाकू व अन्य नशों से देश का सर्वनाश हो रहा है, इन नशों व दुव्र्यसनों से व्यक्ति, गाँव, समाज व राष्ट्र को मुक्त करने के लिए योगाभ्यास, सत्संग, स्वाध्याय संस्कृति व संस्कारों की परम्परा को पुनः प्रतिष्ठापित करना है।
सार्वभौमिक व वैज्ञानिक वैदिक संस्कृति को पुनः सामाजिक जीवन में समाहित करना है। गो-हत्या, कन्या-भू्रणहत्या, दहेज-हत्या आदि पापों व जुआ आदि सामाजिक बुराईयों से इस देश को मुक्त कराना है।
संयम, सदाचार, सेवा व संस्कारों से युक्त तथा बीमारी व बुराईयों से मुक्त, हमें ऐसा भारत बनाना है जहाँ बड़ों का सत्कार, छोटों से प्यार, संयुक्त परिवार, सब जाति, प्रान्त व मजहब के लोगों में परस्पर प्रेम एवं सद्भावना का भाव हो। सब मिलकर पूर्ण पवित्राता से रहें सब श्रम से समृ(ि को बढ़ाएं तथा संगठित होकर पूरे राष्ट्र का हित चिन्तन करें। देश में जो बेरोजगारी, गरीबी, भूख, अभाव, गंदगी, अनियन्त्रिात जनसंख्या, अशिक्षा हिंसा, असुरक्षा व नक्सलवाद आदि राष्ट्रीय चुनौतियाँ हैं, इस सबका मूल कारण आर्थिक लूट, भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्थाएं हैं। हम सम्पूर्ण देशवासियों को इस सत्य से अवगत करायेंगे और देश को बचाने के लिए सभी देशवासियों को हम संगठन के माध्यम से संगठित करेंगे। जब संगठित होकर सामूहिक रूप से न्यायपूर्ण मांग पूरी मजबूती से उठेगी तो देश की लोकतान्त्रिाक सत्ताओं को झुकना पड़ेगा तथा राजशक्ति-जनशक्ति के अनुसार चलने के लिए मजबूर होगी। इस प्रकार भ्रष्टाचार को मिटाकर गलत नीतियांे व भ्रष्ट व्यवस्थाओं का अन्त करके हम गरीबी, भूख, अभाव व अशिक्षा आदि से मुक्त एक शक्तिशाली भारत का निर्माण करेंगे।
संगठन को आपके सुझाव एवं सहयोग की अवश्यकता है।
आज देश हलात को देखकर बहुत दुःख होता है। आज देश में राजनैतिक स्थिति बहुत ही खरब हो चुका। चुनाव के समय किसी भी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र का कवर अगर हटा दिया जाए तो सभी के एक जैसे ही बातें होती है। अन्तर सिर्फ इतना होता है कि जो किसी पार्टी के घोषणा पत्र के पृष्ठ सं.2 पर है तो किसी पृष्ठ 10 पर वही बात लिखी होती है। जो पार्टी अपना घोषणा पत्र अलग नही बना सकती वे देश का भविष्य को क्या बनायेगी?
इसलिए कुछ ईमानदर लोगों के साथ मिल कर एक ‘‘हिन्दुस्तान स्वाभिमान पार्टी’’ राजनैतिक पार्टी बनाने का विचार चल रहा है। पार्टी का गठन 15 अगस्त 2011 को होगा।
हमारा मूल उद्देश कुछ इस प्रकार है।
संगठन के तीन सबसे बड़े लक्ष्य हैंµ
1. वर्तमान में चल रही समस्त गलत नीतियों व भ्रष्ट व्यवस्थाओं का राष्ट्रहित में पूर्ण परिवर्तन कराना।
2. भ्रष्टाचार की पूर्ण समाप्ति व भ्रष्टाचार करके लूटे हुए देश के लगभग 100 लाख करोड़ रुपये को देश
में वापस लाना व उसको राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित करके उसको राष्ट्र के नवनिर्माण एवं विकास में लगवाना।
3. बेरोजगारी, गरीबी, भूख, अभाव व अशिक्षा से मुक्त स्वस्थ, समृ( संस्कारवान् व शक्तिशाली भारत का
निर्माण करना और भारत को विश्व की महाशक्ति या विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना।
आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि हमें देश का नैतिक, चारित्रिक, सामाजिक व आध्यात्मिक उत्थान करना है। जातिप्रथा, दहेजप्रथा, बलिप्रथा व अन्य रूढि़वादी अज्ञानमूलक भ्रान्त अन्धविश्वासों जादू-टोना, भूत-प्रेत व अन्य पाखण्डों से देश को बाहर निकालना है। शराब, तम्बाकू व अन्य नशों से देश का सर्वनाश हो रहा है, इन नशों व दुव्र्यसनों से व्यक्ति, गाँव, समाज व राष्ट्र को मुक्त करने के लिए योगाभ्यास, सत्संग, स्वाध्याय संस्कृति व संस्कारों की परम्परा को पुनः प्रतिष्ठापित करना है।
सार्वभौमिक व वैज्ञानिक वैदिक संस्कृति को पुनः सामाजिक जीवन में समाहित करना है। गो-हत्या, कन्या-भू्रणहत्या, दहेज-हत्या आदि पापों व जुआ आदि सामाजिक बुराईयों से इस देश को मुक्त कराना है।
संयम, सदाचार, सेवा व संस्कारों से युक्त तथा बीमारी व बुराईयों से मुक्त, हमें ऐसा भारत बनाना है जहाँ बड़ों का सत्कार, छोटों से प्यार, संयुक्त परिवार, सब जाति, प्रान्त व मजहब के लोगों में परस्पर प्रेम एवं सद्भावना का भाव हो। सब मिलकर पूर्ण पवित्राता से रहें सब श्रम से समृ(ि को बढ़ाएं तथा संगठित होकर पूरे राष्ट्र का हित चिन्तन करें। देश में जो बेरोजगारी, गरीबी, भूख, अभाव, गंदगी, अनियन्त्रिात जनसंख्या, अशिक्षा हिंसा, असुरक्षा व नक्सलवाद आदि राष्ट्रीय चुनौतियाँ हैं, इस सबका मूल कारण आर्थिक लूट, भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्थाएं हैं। हम सम्पूर्ण देशवासियों को इस सत्य से अवगत करायेंगे और देश को बचाने के लिए सभी देशवासियों को हम संगठन के माध्यम से संगठित करेंगे। जब संगठित होकर सामूहिक रूप से न्यायपूर्ण मांग पूरी मजबूती से उठेगी तो देश की लोकतान्त्रिाक सत्ताओं को झुकना पड़ेगा तथा राजशक्ति-जनशक्ति के अनुसार चलने के लिए मजबूर होगी। इस प्रकार भ्रष्टाचार को मिटाकर गलत नीतियांे व भ्रष्ट व्यवस्थाओं का अन्त करके हम गरीबी, भूख, अभाव व अशिक्षा आदि से मुक्त एक शक्तिशाली भारत का निर्माण करेंगे।
संगठन को आपके सुझाव एवं सहयोग की अवश्यकता है।
रवि शंकर यादव
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