आखिर हम कांग्रेसी और कांग्रेस्सियों के समर्थक हैं !
इस सत्ता के लिए हम किसी भी हद तक गिर सकते हैं !
इस सत्ता के लिए हम किसी भी हद तक गिर सकते हैं !
इस कुर्सी के लिए हमारे पूर्वजों ने देश के टुकड़े कराये थे ,इस सत्ता के लिए आतंकी अफजल को हम दामाद बना कर पाल रहे हैं ,इस सत्ता के लिए हमने सच्चर के बहाने विभाजन के नए बीज बो दिए हैं, कुर्सी की खातिर हिंदू साधू संतों को हमने आतंकवादी बना कर जेल में ड़ाल रखा है ,सत्ता की खातिर हम सोये हुए देशभक्तों पर गोलियाँ चलवा सकते हैं,सत्ता के लिए तो हम अपनी माँ बहन और बेटियों तक को बेच सकते हैं, हमारे कमीनेपन और दरिंदगी का मुकाबला भेडिये भी नहीं कर सकते ,
आखिर हम कांग्रेसी और कांग्रेस्सियों के समर्थक हैं !
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