#Patna में रावण दहन के दौरान भगदड़, 33 लोगों की मौत. अति संवेदनशील खबर जरूर पढ़ें....
अति संवेदनशील खबर जरूर पढ़ें....

मित्रों देश को अस्थिर
कर विदेशी धार्मिक षड्यंत्रकारी शक्तियाँ देश में अपनी सत्ता और साम्राज्य
बनाने और आपकी मानसिकता को बदलने और भारतीय समाज में संस्कृति को नीचा और
गन्दा साबित कर क्रुप्रचार का सहारा ले... अपने ईसाई और क्रुरानी धर्म की
जड़ें पुरे देश में 65 वर्षों में कांग्रेस के शाषनकाल में पूरी तरह से देश में
सक्रिय हो चुकी हैं. ये परम्परा कांग्रेस को अंग्रेजों द्वारा विरासत
में मिली है जिसके द्वारा 65 वषों मैं 25000 दंगे और हादसों का (डिवाइड एंड
रूल) साजिश से पुरे देश को अस्थिर और अराजकता के बल पर सत्ता हासिल करती आ
रही थी? इन साजिशों को अंजाम देने वाले मास्टर-माइंड और षड्यंत्रकारियों को
बहुत ही आसानी से पहचान सकते है, ये विदेशी कालेधन पर पलने वाले हिंजड़े
सेकुलरवादी बन महत्वपूर्ण पदों पर आसीन, अरस्तु, प्लेटो, सुकरात, के
ज्ञान-आदर्शों पर चलने वाले मैकोले की विदेशी शिक्षा के भारतीय विदेशी
गुलाम, प्रभुत्व बुद्धजीवी बता, भारतीय समाज मैं जहर भरने और समाज को
ईसाई बनाने मैं TV फ़िल्में, विज्ञापन, समाचारों और पत्र पत्रिकाओं पर
बेसुमार कालेधन से इन षड्यंत्रकारियों विदेशी माफियाओं को मदद कर इन हादसों को
अंजाम देने और समाज को अस्थिर करने में विदेशीयों को भरपूर मदद करती हैं.
इसी साज़िशों में एक दंगा ब्रिगेड है! धार्मिक उन्माद को किस तरह अंजाम और
कालेधन की व्यवस्थित कर अंजाम तक कैसे पहुचाया जाता है यह शायद आप के
संज्ञान में न हो। ...उदाहरण के लिए, अब जरा सोचिये की किसी भारतीय को
कहा जाये की तुम्हें कुम्भ, या भारतीय धार्मिक मेले में जा कर अस्थिरता या अराजकता फैलानी है, शायद कोई तैयार न हो, अगर हो भी जाये तो साजिश का
भांडा फूट सकता है इसलिए ये ईसाई वह क्रुरानी नासूरों का सहारा लेते
हैं बेखौफ और आर्थिक और विदेशी नियंत्रित राजनितिक दलों के इसारे पर नर संघार कर डालते हैं उदाहरण के लिए, गोधरा ट्रेन हदसा, उप्र में आजम
खान का हिंदुओं को खून का कुंभ मेला, और अब गांधी मैदान में दशहरे पर इन
माफियाओं का खूनी प्लान?
अब जरा गौर करें क़ि रावण दहन के उपरांत 6
बड़े दरवाजे क्यों नहीं खोले गये, की भारतीय समाज भिन्न भिन्न दिशाओं की
तरफ निकल जाते, दूसरा जो रास्ता था वोह 5 लाख दर्शकों के लिए 2.5 का
क्यों बनाया गया, तीसरा लाइट पहले से ही क्यों गायब करी गयी, महिलाओं
और मर्दों को एक ही जगह से क्यों निकला जा रहा था, CCTV कैमरे कहाँ
थे, वोह जो बेवजह जनता के बीच बेहतहासा भाग भाग कर शोर मचा रहे थे की
करेंट, हाईटेंसन तार टूट गया भागो भागो चिल्लाना शुरू कर रहे थे, चीफ मिनिस्टर मांझाी क्यों एक घंटा पहले ही भाग खड़े हुए. अब शायद हम
मित्रों को सारी साजिशों की हकीकत की असलियत का घिन्नौना रूप समझ आ गया
होगा, और सम्पूर्ण ईसाई साजिश समझ चुकें होंगे।
...अब सोचए की इसके बाद यह
हरामी करते क्या हैं यह तो और बुरी है, इसके बाद कुरुरानी नासूर मदद
के बहाने मासूम लड़कियों को जो उनकी टारगेट पर थी उन्हें गायब कर चुकें
होंगें, और लूट-पाट अलग जेवरात, पर्स, फ़ोन, इत्यादि और दूसरा ईसाई
माफिया पुरे देश में मजबूर हिन्दुओं के घर जा जा कर उनसे कहेंगे की
तुम्हारे भगवान ने क्या तुम्हारी मदद की, हमारे धर्म में तो ऐसा नहीं
होता, लिखते हुये बहुत ही अफ़सोस होता है की यह कोई एक घटना नहीं, चार
हजार सभी ज्यादा यह खूनी साजिशों को कांग्रेस की यहूदी सरकारें देश मैं
ईसाई साम्रराज्य को इस्थापित करने के लिए अंजाम दे चुकी हैं. और हम
नहीं जागे... वह दोस्ती और भाईचारे के सेकुलर नारे के साथ, भारतीय
संस्कृति और समाज को बर्बाद और जड़ से मिटने के लिए प्रतिपल अपनी जड़ें बखूबी
जमा चुकी हैं, क्या आप जागें हैं जागिये और जगाइये, अपना देश और
धर्म बचाईये, दशहरे का मतलब , अपने समाज और वैदिक
धर्म के दुश्मन दैत्यों का वध करना है, सोचए आप के खून को पी रहे मच्छर
को आप क्यों मर देते हो, यह वही खुनी दानव और दैत्य हैं, शास्त्रों
की पूजा के बाद इन्हीं दैत्यों के वध का संकल्प लिया जाता है की भारतीय
संस्कृति और समाज बचा रहे....
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