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मेरे बेंक में 10 हजार डाल दो कृपा हो जाएगी : निर्मल बाबा (निर्मल बाबा "कृपा" मत बेचिए-2)

समोसा खा लो , कृपा हो जाएगी !
लाल चटनी खा लो कृपा हो जाएगी !
पेट्रोल की टंकी फुल करवा दो कृपा हो जाएगी
हाथो को लाल, पीले रंग से रंग दो कृपा हो जाएगी !
गुरुवार के दिन लाल कपडे का शर्ट पहने , कृपा हो जाएगी
सफ़ेद चोकलेट खा लो , कृपा हो जाएगी

मेरे बेंक में 10 हजार डाल दो कृपा हो जाएगी


अगर मनुष्य का उद्धार इतनी आसानी से होता तो गीता में
इतना विस्तार से समझाने की आवश्यकता क्या थी भगवन श्री कृष्ण को ?

हमारे हिन्दू समाज को ऐसे ही स्वार्थी ढोंगी पाखंडियों ने अधिक नुकसान पहुँचाया है
स्वामी रामदेव जैसे अगर २-3 भी देश भक्त मिल जाते देश को तो यह दिन न आता कभी

आज निर्मल बाबा का प्रोग्राम देखा...वैसे लगभग सभी मुख्य टीवी चेनलों पर ये"देसी बाबा"कृपा बांटते हुये दिखाई देते रहते है...

दर्शको में सबसे आगे इन्ही के एजेंट बैठे रहते है जो कि टेलीब्रांड के प्रचारक की तरह इनकी झूठी महिमा का बखान करते है..इसका प्रमाण है कि स्वार्थी भक्त मनोकामना पूरी होने के पश्चात भगवान को भी भूल जाता है ,तो इनके पास जाने वाले लोग तो घोर स्वार्थी होते है वो क्यो मनोकामना पूरी होने के पश्चात,हजारो रुपये खर्च करके इनका महिमामंडन करने जाएँगे?? आप स्वयं सोचे...अगर आपकी मनोकामना निर्मल बाबा ने पूरी कर दी होती तो क्या आप फिर से हजारो रुपये खर्च करके इनकी तारीफ़ों के पल बांधने जाते? नहीं न

दूसरा ये जो नुस्खे बताते है वो भी बेतुके,सारहीन और निरर्थक होते है...काला पर्स रखने,पेट्रोल की टंकी फूल करवाने, चॉकलेट खाने, जैसी बेवकूफी भारी सलाह के ही ये बाबा हजारो रुपये ठग लेता है ...गीता में साफ साफ लिखा है कि कर्मो के अनुसार ही हमे फल की प्राप्ति होती है ... अगर हम फल के योग्य कर्म नहीं करेंगे तो फल प्राप्त हो ही नहीं सकता... और यदि हम फल के योग्य कर्म कर रहे है तो फिर हमे फल मिलेगा ही मिलेगा, इसमे इस पाखंडी के हास्यास्पद नुस्खो की क्या आवश्यकता है?

और फिर निर्मल बाबा के पास कोई चमत्कारिक शक्ति है भी तो ये लोकलाभ एवं परोपकार की भावना से मुफ्त में लोगो पर कृपा क्यो नहीं करते...क्यो ये आठ दस हजार रुपये की फीस लेकर ही कृपा करते है? और अगर इनके पास कृपा का स्टॉक इतना बड़ा है तो खुद पर ही कृपा क्यो नहीं कर लेते, क्यो पैसे मांगते है?

अगर कृपा ही चाहिए तो भगवान की अलौकिक कृपा देखो न ... रामायण में कहा गया है - बिन सेवा जो द्रवहि दीन पर राम सरिस कोउ नाही......क्या निर्मल बाबा की कृपा भगवान की कृपा से भी अधिक शक्तिशाली लगती है तुम्हें??
अगर यही पैसे गोमाता पर खर्च कर दो तो इतनी कृपा मिल जाएगी जितनी कृपा ये निर्मल बाबा करोड़ो बार में भी नहीं दे सकता ....और किसी अच्छे काम में खर्च कर दो .... भगवान की अतिशय कृपा मिलेगी....

पर इसमे कोई शक नहीं है कि धर्म के नाम पर अंधविश्वास के प्रति श्रद्धा पैदा करवाना और हिन्दुओ को मूर्ख बनाना संसार का सबसे सरल कार्य है .... अब अंधविश्वासी जनता को भी ये समझ में आना चाहिए कि, संत एवं भगवान बिना किसी स्वार्थ के कृपा करते है कोई भी पैसे लेकर कृपा नहीं कर सकता न ही मनोकामना पूरी करवा सकता है. ......
हमारे समाज ने अतीत में भी काफी ऐसे बाबाओ को देखे है जब देश गुलाम था
जिन्होंने चमत्कार दिखाकार के हिन्दू मूर्खो को अल्लाह मालिक, सबका मालिक एक का पथ पढ़ाकर और अधिक मुर्ख बनाया अंग्रेजो को भागने में चमत्कार काम क्यों नहीं आया ?
आज उनकी अरबो की संपत्तियां है... सवाल है की बाबा आखिर देश के लिए क्यों नहीं लड़ते ? 

[ निर्मल बाबा "कृपा" मत बेचिए ..........]

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपका कहना सही है। मैंने निर्मलबाबा का कार्यक्रम देखा। ये टेलीब्रांड के प्रोडक्ट प्रचार से ज्यादा कुछ नहीं है। भक्तों पर कृपा होने के उनके नुस्खे भी अजीबो-गरीब तरह के हैं।

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  2. sahi kaha aapne.....aise dhongi babao ki pol to aam janta ke samne khulni hi chahiye....par ye janta bahut bewkuf hai......baba ki kripa se sab pana chahti hai...pati kuch nahi....khoti jyada hai.....

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  3. निर्मल बाबा के समागम के जाने के 4000 रूपये लगते है.
    यह कैसा बाबा है?
    लोग बेवकूफ है, अपने पर भरोसा नहीं है लोगो को.
    अपनी परेशानीया मूर्खतापूर्ण सलाहों से दूर करने की कोशिस करते है.

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  4. pehale news puri de fir sochenge kya h baba

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  5. ye sab paise kamane ke fande hai or log befkuf ban rahe hain

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  6. Baba is great Kirpalu Visvash kro to Pather me bhi God hote hai na kro to agar god khud aa jay to bhi vishvash nahi hota Sushil Bishnoi 29

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