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पाकिस्तान में हिन्दू बहू-बेटियों पर जिस तरह जुल्म ढाया जा रहा उसके लिए "दुनियाभर के लोगों ज्ञापन भेजो-आवाज उठाओ"


दुनिया के लोगों ज्ञापन भेजो,आवाज उठाओ [ दिनेश चंद्र मिश्र ]
लखनऊ। पाकिस्तान में हिन्दू बहू-बेटियों पर जिस तरह जुल्म ढाया जा रहा है, उस पर भारत सरकार की चुप्पी न केवल आम नागरिकों बल्कि देश की प्रमुख गुप्तचर एजेंसी इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक मलय कृष्ण धर को भी बहुत खल रही है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर मथेलो की रिंकल कुमारी को अगवा कर उसका धर्म परिवर्तन कराने और जबरन निकाह कराने का मामला ‘कैनविज टाइम्स’ की ओर से उछाले जाने के बाद श्री धर खुल कर सामने आए हैं। पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ हो रहे अनाचार पर उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए भारत सरकार से इस मामले पर चुप्पी तोडऩे का आग्रह किया था। लेकिन उनकी अपील पर भी केंद्र सरकार का मौन कायम है। अब मलय कृष्ण धर ने हमलावर तेवर अख्तियार कर लिया है।
श्री धर ने रिंकल मामले में भारत सरकार की उदासीनता को अफसोसजनक बताते हुए कहा कि अत्यंत दुख की बात है कि सरकार इस मामले पर चुप है, पर इससे भी बड़ा दुख यह है कि हिन्दुस्तान का हिन्दू समाज और हिन्दुओं का लम्बरदार बनने वाले संगठन भी खामोश हैं। पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों के साथ हो रही घटनाओं को लेकर उनका कहना है कि पाकिस्तान की जो सामाजिक शिक्षा है, वह बहुत गलत है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में इस तरह के स्कूल के चलाए जाते हैं, जहां पर यह शिक्षा दी जाती है कि हिंदुओं और भारतीयों से घृणा करो। यही से समस्या की शुरुआत होती है। क्योंकि पाकिस्तान में जो शिक्षा लेते हैं, आगे चलकर उस पर अमल करते हुए हिन्दू लड़कियों की इज्जत को मौज-मस्ती का सामान समझकर खेलते हैं। पाकिस्तान की शिक्षा के चलते वहां के कट्ïटपंथी विचाराधारा से मेल रखने वाले लडक़े हिन्दू लड़कियों को अगवा करने के बाद कलमा पढ़ाकर जबरन निकाह करते कहते हैं। जब दिल भर जाता है तो उसको छोड़ देते हैं, अगर कोई लडक़ी इसका विरोध करे तो उसकी जान भी चली जाती है। पाकिस्तान के सिंध व ब्लूचस्तिान में ऐसी घटनाएं काफी होती हैं। रिंकल कोई पहली लडक़ी नहीं है, जिसके साथ ऐसा हुआ है। मलय कृष्ण धर कहते हैं कि पिछले दस साल के दौरान पाकिस्तान में ऐसी घटनाओं का आंकड़ा देखने पर पता चलता है तीन हजार हिंदू लड़कियों को अगवा करने के बाद जबरन धर्मांतरण करके निकाह किया गया। पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों पर जिस तरह कहर ढाया जा रहा है, पूरी दुनिया में किसी भी देश में धर्म के नाम पर ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे जुल्म को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार की बात करने वाले एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे संगठनों की चुप्पी के लिए वह हिंदू समाज को भी जिम्मेदार बताते हैं। दुनिया में एक अरब से ज्यादा हिंदू है। हिंदू अपने धर्म की सीख के चलते सहनशील हैं, ऐसी घटनाओं पर आवाज उठाना तो दूर घर में भी चर्चा करने से बहुत हद तक बचते हैं। रिंकल जैसी घटनाओं का विरोध न होने के कारण मानवाधिकार की पैरवी करने वाले संगठन भी ऐसे मामलों में आंख बंद किए रहते हैं। अगवा करके धर्मांतरण फिर जबरन निकाह के बाद 19 साल की रिंकल ने जिस बहादुरी से पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी, उसकी तारीफ करते हुए श्री धर ने कहा उसके जैसी हिम्मत हिंदू समाज को अपने अंदर पैदा करनी होगी, तभी ऐसी घटनाओं को वह विरोध कर सकेंगे।
आईबी के पूर्व निदेशक ने दुनिया के एक अरब हिंदुओं से भारत के प्रधानमंत्री को खत भेजने को कहा है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा इस मामले में अभी तक हस्तक्षेप न करने पर दुनिया के एक अरब हिंदुओं को इस मसले पर आगे आने की सलाह दी और कहा कि एक समवेत ज्ञापन भारत के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सोनिया गांधी, भारतीय जनता पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी और भारत में पाक हाईकमीशन के नाम भेजा जाना चाहिए। इसके बाद भी अगर भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप न करे तो रिंकल को न्याय दिलाने के लिए देशभर में जगह-जगह धरना प्रदर्शन का आयोजन होना चाहिए। आंदोलन खड़ा होना चाहिए। रिंकल के साथ पाकिस्तान में जिस तरह अन्याय हो रहा है, उसको लेकर आईबी के पूर्व निदेशक मलयकृष्ण धर की प्रतिक्रिया आने के बाद देश के तमाम बुद्धिजीवियों और नागरिकों ने भी अपनी प्रतिक्रिया भेजनी शुरू की है। सबका कहना है कि रिंकल को पाकिस्तान में न्याय मिले, हिन्दुओं के साथ अत्याचार बंद हो, भारत सरकार इस मामले में अविलंब हस्तक्षेप करे। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डा. सुधा उपाध्याय ने पाकिस्तान के हालात पर तो एक कविता भी रच डाली। ...‘जंगल में है लोकतंत्र का बोलबाला, अगले चुनाव की है तैयारी, उम्मीद है हर सियार को, है अब उसकी बारी।’ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत शिक्षक व लोकगायक आनंदस्वरूप सिंह ने रिंकल के दर्द पर भोजपुरी में दो लाइनें लिख डालीं... ‘कवने बनवा हो कवने बनवा, खोजी आपन हिन्दुस्तान्वा कवने बनवा।’ बालीवुड में संगीत के नए हस्ताक्षर आशुतोष सिंह का कहना है कि रिंकल को न्याय दिलाने के लिए दुनिया के हर हिन्दू को आवाज उठानी चाहिए। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले चंद्रप्रकाश खत्री ने फेसबुक पर कैनविज टाइम्स की मुहिम से जुड़ी खबरें पढऩे के बाद लिखा कि हिंदुस्तान के भाइयों तक रिंकल की पुकार चली गई तो न्याय की आस जग गई है। बांग्लादेश की इंजीनियरिंग की छात्रा कुमकुम चक्की ने सवाल उठाया है कि क्या किसी देश में अल्पसंख्यक होना अपराध है, जो रिंकल के साथ ऐसा सलूक हो रहा है? अमेरिका में प्रबंधन की पढ़ाई कर रही श्रद्धा मैलानी ने कहा कि पाकिस्तान में रिंकल के साथ जो हो रहा है, उसके खिलाफ अन्तरराष्टï्रीय मानवाधिकार संगठन को आगे आना चाहिए। लखनऊ की महिला उद्यमी रितुश्री का कहना है रिंकल के खिलाफ जो अत्याचार हो रहा है, उसके खिलाफ सबको आवाज उठानी चाहिए। उत्तराखंड की चमन सक्सेना ने भारत सरकार को पंगु सरकार की संज्ञा देते हुए यह सरकार आजादी के बाद से अब तक की सबसे गई-गुजरी सरकार है, इस सरकार से उम्मीद करने के बजाए मानवता के पक्षधर लोगों को खुद आगे आकर प्रदर्शन करना चाहिए। गुजरात के राव भवानी सिंह का कहना है पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों पर अत्याचार को लेकर भारत की मीडिया की चुप्पी सबसे खलने वाली है। जरदारी के जियारत के दौरान उनके कपड़े से लेकर जायके तक को सूंघने वाले टीवी न्यूज चैनलों को रिंकल का दर्द नहीं दिखता है। देश के जाने-माने खेल पत्रकार पद्ïमपति शर्मा का कहना है कि हम एक ऐसे देश में रह रहे हैं, जिसके पास सबकुछ है पर नहीं है तो अक्रामकता....सॉफ्ट कंट्री का कब हटेगा टैग और कब हमारी दहाड़ दुनिया को सुनाई देगी। कांग्रेस ने हम सभी को नपुंसक बनाकर रख दिया है। पाक में यह नापाक काम 65 वर्षों से चल रहा है और न जाने कितनी रिंकल बलिवेदी पर चढ़ चुकी हैं। इंदौर के नंदलाल भारती पेशे से इंजीनियर हैं, उनको पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ हो रही ज्यादती बर्दाश्त नहीं हो रही है, उनका कहना है, इसके खिलाफ भारत को आगे बढक़र आवाज उठानी चाहिए।

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