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मेरी गलती का नतीजा ये मेरी सरकार है.........?

काग़जी था शेर कल , अब भेड़िया ख़ूंख़्वार है

मेरी ग़लती का नतीज़ा ; ये मेरी सरकार है

वोट से मेरे ही पुश्तें इसकी पलती हैं मगर

मुझपे ही गुर्राए ... हद दर्ज़े का ये गद्दार है

मेरी ख़िदमत के लिए मैंने बनाया ख़ुद इसे

घर का जबरन् बन गया मालिक ; जो चौकीदार है

3 टिप्‍पणियां:

  1. .
    मान्यवर


    काग़जी था शेर कल , अब भेड़िया ख़ूंख़्वार है
    मेरी ग़लती का नतीज़ा ; ये मेरी सरकार है

    वोट से मेरे ही पुश्तें इसकी पलती हैं मगर
    मुझपे ही गुर्राए ... हद दर्ज़े का ये गद्दार है

    मेरी ख़िदमत के लिए मैंने बनाया ख़ुद इसे
    घर का जबरन् बन गया मालिक ; जो चौकीदार है



    उपरोक्त पक्तियां मेरी रचना की हैं
    मैं हैरान हूं कि बिना मेरी जानकारी / बिना मेरी स्वीकृति / बिना मेरे नाम के आपने इन्हें यहां छापा है

    आपने इन्हें जहां से भी उठाया है वहां अवश्य मेरा नाम भी साथ में रहा होगा … ।

    रचनाकार की रचना उसकी दौलत होती है … आप द्वारा इन्हें इस तरह काम में लेना सर्वथा अनुचित है ।

    आप अपना स्पष्टीकरण शीघ्र दें !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं
  2. इस तरह का आचरण निश्चित ही एक रचनाकार को सजा देने के बराबर है,दू:खद है ....

    जवाब देंहटाएं
  3. मुझे स्वयं इस बात का दुःख है कि इस प्रकार का कार्य हमारें ब्लाग से हूआ
    वर्तमान समय में इस ब्लाग को कई लोगो द्वारा पोस्ट किया जाता है।

    किस व्यक्ति द्वारा इस रचना को यहा पोस्ट किया है। यहा स्पष्ट नही हो सका है।

    मैं स्वयं इस बात कि जिम्मेदारी लेते हुए इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हू


    रवि शंकर यादव

    जवाब देंहटाएं

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